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White अब तो सर्दियाँ आ रही हैं...। जो जलाती थी बद

White अब तो सर्दियाँ आ रही हैं...। 
जो जलाती थी बदन को, सूरज की किरणें। 
अब वो बदन को आराम देंगी। 
जिन पेड़ों के नीचे गर्मियों में
 हम छाँव ढूँढते थे, 
वही पेड़ अब सूरज की किरणों
को थाम लेंगी।

©manjeet #wintercoming  poetry Suman Zaniyan  akash shrivastav  punjabishorts12  Reeda  Farhan Shaikh  Prem Lata Solanki
White अब तो सर्दियाँ आ रही हैं...। 
जो जलाती थी बदन को, सूरज की किरणें। 
अब वो बदन को आराम देंगी। 
जिन पेड़ों के नीचे गर्मियों में
 हम छाँव ढूँढते थे, 
वही पेड़ अब सूरज की किरणों
को थाम लेंगी।

©manjeet #wintercoming  poetry Suman Zaniyan  akash shrivastav  punjabishorts12  Reeda  Farhan Shaikh  Prem Lata Solanki
manjeetkumar5923

manjeet

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