White अब तो सर्दियाँ आ रही हैं...। जो जलाती थी बदन को, सूरज की किरणें। अब वो बदन को आराम देंगी। जिन पेड़ों के नीचे गर्मियों में हम छाँव ढूँढते थे, वही पेड़ अब सूरज की किरणों को थाम लेंगी। ©manjeet #wintercoming poetry Suman Zaniyan akash shrivastav Reeda