:-सवाल सियासत से:- ---------------------------------- "यत्र नार्यस्तु पूज्यंते" जिसकी संस्कृति है, नारी का पर्याय शक्ति है वहां छः महीने की हो साठ वर्ष की हर नारी की अस्मिता संकट में हो। विश्वास नहीं होता, क्या हो गया है मेरे देश को? अखबारों के पन्ने रंगे हैं, खबरों की जगह इश्तिहारों से। कौन आएगा कमज़ोरों की आवाज बनने को? विश्वास नहीं होता, क्या हो गया है मेरे देश को? अन्नदाता किसान है, देश कृषि प्रधान है। परन्तु विवश हैं, साधनहीन हो आत्महत्या करने को, विश्वास नहीं होता, क्या हो गया है मेरे देश को? :-सवाल सियासत से:- -------------------------- "यत्र नार्यस्तु पूज्यंते" जिसकी संस्कृति है, नारी का पर्याय शक्ति है वहां छः महीने की हो साठ वर्ष की हर नारी की अस्मिता संकट में हो। विश्वास नहीं होता, क्या हो गया है मेरे देश को?