होठों को छुआ उसने एहसास अब तक है आंखें नम सांसो में आग अब तक है वक्त गुजरता गया पर उसकी याद अब तक नहीं गई उफ वो हरी मिर्च का स्वाद अब तक है। ©Vijay Pachauri shayari #Winter