इश्क़ भला मिलता है कब, बनते क्यूं हो दीवाने। दया भला करती है शम्मा, जल जाते हैं परवाने। जवाब भला आया क्या उनका, जिनके ख़ातिर जाग रहे हो, बहुत चढ़ा है नशा इश्क़ का, बंद करो अब मैख़ाने। ©Ajay Choubey #ajaychoubey #hindipoetry #kavita #Shayar #Shayari #findingyourself Kavita jayesh Panot