नन्ही सी ए चिड़ियाँ जाने क्या क्या कहती है उड़ने दो इस खुले नभ में ये आश विचरति है। नन्ही सी, , , , माना आँधी तूफ़ाँ बड़ा है। मौसम का रुख भी बढ़ा हैं। धूप भरी है आँखों में पर पर इससे बड़ा मेरा हौसला बढ़ा है। नन्ही सी, , , हो सकता हैं मैं गिर जाऊँ, हो सकता हैं मैं शायद उठ भी न पाऊं, पर मुझमें बसा खुदा इंसा से बड़ा है। नन्ही सी, , , #नन्हीं