एक पल में सिमट जाएगी समंदर जिंदगी की, उफनती लहर कभी तो शांत हो जाएगी, फिर से सवार होंगे उभरती नदियों के किनारों पे, जमीं फिर से हमारी हो जाएगी। तूफानों में अक्सर लोग हाथ झटक दिया करते है, और शांत लहर पर संग चलने का दम भरते है, जो लहरों में भी संग ना छोड़े, ऐसे साथ का साथ हम धरते है। वो क्या दोस्ती जो चंद लम्हों से घबराए, हमको वो चाहिए जो तूफानों में भी परचम लहराए, वो क्या संग चलेंगे तो खुशियों के मोहताज होते है, थोड़ा गम क्या आया वो शांत मन घबराए।। कभी-कभी अचानक कुछ ऐसा सामने आता है, जिस पर हम सोचने को मजबूर हो जाते हैं। * कृपया ध्यान दें जब दो वाक्यों को जोड़ने की बात आती है तो (कि) का प्रयोग होता है (के या की) नहीं। #नहींसोचा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi