वो दिन आने दे!! होगी बुलन्द मेरी भी आवाज़ , ऐ सत्ता परस्तों वो दिन तो आने दे! कानों के परदें भी फट जाएँगे, ऐ हुकुम के जयचंदो वो दिन तो आने दे! बड़ी नाज़ है तुमको अपनी इस हुकूमत का, इस हुकूमत की तख्त को एक बार गिर जाने दें! खड़ा होगा तू भी मेरे साथ कल अपनी आवाज के लिए, ऐ तमाशबीनों के शहंशाह वो दिन तो आने दे!! हर जुल्म की दुकाँ होगी बन्द, हर नफरत मिटा दिए जायेंगे, ऐ तख्त के रिश्तेदारो एक बार हमें खुदा हो जाने दे! -दिल-ऐ-मुसाफ़िर! #इंकलाब