हंसती हूं , खिलती , मुस्कुराती हूं , हां मैं कुछ इस तरह मिलती हूं खुद से तन्हाइयो में , मैं जब - जब यूं बेवजह ♥️ आइए लिखते हैं दो मिसरे प्यार के :) ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ केवल 2 पंक्ति लिखनी हैं और वो भी प्यार की। ♥️ कृपया स्वरचित एवं मौलिक पंक्तियाँ ही लिखें।