बेटी जहां हम जन्म लेते हैं जिस माँ के आंचल तले पलते हैं दादी की कहानी सुनकर सोते हैं छोटी सी चोट लगने पर रोते हैं... बस वहीं लोग हमे पराया कर देते हैं... बेटी क्यों परायी होती हैं...