मैं अस्पृश्यता का शिकार बोल रहा हूँ । हम तो सिर्फ़ राजनीतिक मुद्दों में चर्चा का विषय बनकर रह गए। सरकार के लिए वोट लेने का तरीका बनकर रह गए। हर बार के चुनावों में एक किस्सा बनकर रह गए। हर किसी के अस्पृश्यता का शिकार बनकर रह गए। भेदभाव हर जगह होता रहा मेरे साथ इसके भी गुनाहगार बनकर रह गए। हर हिस्से से पिछड़े हम, बिना सम्मान मिले रह गए। कभी मार दिया मुझे दो बूंद पानी के खातिर डर के साए में हम दुबक कर रह गए। ना मिला न्यायलय से न्याय मुझे सही ऐसे ही दर दर कि ठोकर खाते रह गए। यो कह रहा वचन वर्मा तुम हो जाओ एक साथ मिलकर लड़ो लड़ाई अपने हकों के लिए, शासक वर्ग को कर दो चौकन्ना हम आ गए अपने हिस्से के अधिकार लेने के लिए। Good&Positive Positivewriter ©Vachan Verma #Good_Positive #Positivewriter #goodpositivevibes #nojotopoetry #जालोर #water #india #untouchable prakriti goswami NIKHAT الفاظ جو دل چو جائے