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बैठ अकेली सोच रही हूँ, क्या लिखूं मैं खुद के बारे

बैठ अकेली सोच रही हूँ,
क्या लिखूं मैं खुद के बारे में।
समंदर जितना गहरा दर्द है भीतर,
क्या कुछ पन्नों पर उकेरा जा सकता है??
क्या समंदर के पानी को,
कुछ नदियों में बिखेरा जा सकता है??
रागिनीसिंह।।।

©estimate love... #life #lifethought #SAD #sadlife #raginiसिंह #raginisingh

#think
बैठ अकेली सोच रही हूँ,
क्या लिखूं मैं खुद के बारे में।
समंदर जितना गहरा दर्द है भीतर,
क्या कुछ पन्नों पर उकेरा जा सकता है??
क्या समंदर के पानी को,
कुछ नदियों में बिखेरा जा सकता है??
रागिनीसिंह।।।

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