कहीं ना कही देश के प्रेम को सौहार्द को जातिगत चीजों में बांटकर कभी भी खराब ना करें , जीवन बहुत खूबसूरत है जरूरी है एक दूसरे का इंसानियत का धर्म बनाना , इंसानियत में जीना तुम मुझें सेंवइयाँ में बांट लेना, मैं तुम्हें खीर मे चुन लूंगा , ये मिठास प्रेम की प्रेम में बस यूंही चलने देना , हम इंसान पहले है देश के लिए एक हम पहचान पहले है क्यों ना इसे हम एक बनाएं गंदगी मे ना पड़कर , सादगी का परचम लहराए , #neerajwrites सादगी परचम इंसानियत लहराए