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मैं अकेला हूँ शायद, डगर मैं अब कोई नहीं है। किधर ज

मैं अकेला हूँ शायद, डगर मैं अब कोई नहीं है।
किधर जा रहा हूँ, फिकर भी अब कोई नहीं है। 

निकम्मा,खुदगर्ज़, आवारा जो कहना है कहो।
पर याद रहे, किस्मत मेरी अभी सोई नहीं है। 
Gaurav yadav.
गुमनाम मंजिल की तलाश में खो गया हूँ शायद ।
मिलेगी नई राह, ये उम्मीद अभी खोई नहीं है। 

मतलब की दुनिया में, थोड़ा दर्द हुआ है मुझे भी, पर
बस जरा सी नम है आँखे मेरी, अभी रोइ नहीं है। #apni #life
मैं अकेला हूँ शायद, डगर मैं अब कोई नहीं है।
किधर जा रहा हूँ, फिकर भी अब कोई नहीं है। 

निकम्मा,खुदगर्ज़, आवारा जो कहना है कहो।
पर याद रहे, किस्मत मेरी अभी सोई नहीं है। 
Gaurav yadav.
गुमनाम मंजिल की तलाश में खो गया हूँ शायद ।
मिलेगी नई राह, ये उम्मीद अभी खोई नहीं है। 

मतलब की दुनिया में, थोड़ा दर्द हुआ है मुझे भी, पर
बस जरा सी नम है आँखे मेरी, अभी रोइ नहीं है। #apni #life
gauravyadav1910

Gaurav Yadav

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