जब तक हिंदी थी, वेद ,उपनिषद्, आयुर्वेद थे भारत एक गुरुओं का देश था आज इंग्लिश ,साइंस, तकनीकी है तो भारत आज गुंडों का देश है ऐसे गुंडे जो अपनी ही संस्कृति का चीर हरण कर रहे हैं अपनी ही धरती मां की हत्या कर रहे हैं खुद को educated बताने वाले रिश्तों को शर्मशार कर रहे हैं बलात्कार ,रेप ,मर्डर ,अपहरण कर रहे हैं जब हम हिन्दी थे तो हम हिन्दू थे आज हम educated है तो हम जात पात ऊंच नीच रंग भेद के कीचड में सने हुए हैं जब हम भारतीय थे हम प्रकृति के अनुरूप थे आज हम शारीरिक मानसिक बौद्धिक ज्ञानात्मक भावनात्मक सांस्कृतिक रूप से अंग्रजियत के गुलाम बन कर साइंस ,विकास , तकनीकी, प्रोद्योगिकी,हॉस्पिटल,स्कूल,आदि के भ्रम में फंस कर अपनी धरती मां,पर्यावरण,प्रकृति ओर खुद अपनी जान के दुश्मन बने हुए हैं,,.... जब तक #हिंदी थी, #वेद ,#उपनिषद् , #आयुर्वेद थे #भारत एक #गुरुओं का #देश था आज इंग्लिश ,साइंस, तकनीकी है तो भारत आज #गुंडों का देश है ऐसे गुंडे