सुनो न! तुम मेरे लिए किसी रिश्ते में बंधे वजूद नहीं हो, तुम्हारे लिए मैं सिर्फ एक कल्पना नहीं हूं.. मैने तुम्हे सिर्फ खुद में इतनी अहमियत इसलिए नहीं दी कि तुम और मैं एक दूसरे को पसंद करते है . .. बल्कि मुझे लगता है मुझे तुम्हारी हर बात सिर्फ शब्द नही लगते सिंदूर लगते है.... जिसे सिर के बीचों बीच लगाया जाता है और लगाते समय एक स्त्री का सिर आंखे आत्मा मन सब का सब झुक जाता है वो जो भाव ह्रदय से नतमस्तक होता है बस वही भाव है मेरे तुमसे कहे गए लफ्जों में... . उन्हे बस बोलचाल की एक भाषा मात्र मत समझो उन्हें सिंदूर मानो जो तुमने मेरे मन के भावो में भर दिया है...और मैंने स्वीकृति दे दी है ।। ©पूर्वार्थ #स्वीकृति #प्रीति #प्रेम #नोजोटोराइटर्स