समाधि स्त्री के लिए पूर्णतः विलीन होना ब्रह्म में नही अपितु कुटुंब में.... सुनो शाक्य, जानती हूं तुम बुद्ध हो, परमतेज, आत्मज्ञानी, समाधिस्थ स्वयं में... विलक्षित सृष्टि में.... जानती हूं तपस्वी हो, वर्षों की तपस्या से, पाया है,