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व्यथा!!! क्या लिख दू जो, मेरे अस्तित्व के होने का

व्यथा!!!

क्या लिख दू जो, मेरे अस्तित्व के होने का प्रमाण बन सके, 
दिन-प्रतिदिन, जूझते-डगमगाते मेरे जीवन की व्यथा को कह सके। 

ऐसा क्या लिख दू कि, बिन-पूछे,बिन-कहे 
मेरे शब्दों की चीत्कार सुनाई दे सके, 
खोखले होते हुए शरीर में शेष बचे, विचारों को कह सके।
hemantrai5331

Hemant Rai

Bronze Star
New Creator

व्यथा!!! क्या लिख दू जो, मेरे अस्तित्व के होने का प्रमाण बन सके, दिन-प्रतिदिन, जूझते-डगमगाते मेरे जीवन की व्यथा को कह सके। ऐसा क्या लिख दू कि, बिन-पूछे,बिन-कहे मेरे शब्दों की चीत्कार सुनाई दे सके, खोखले होते हुए शरीर में शेष बचे, विचारों को कह सके। #कविता #dhaage #Vow #imagism

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