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लिखता हू दिन में, रातों में गाता हूं | अपने दिल के

लिखता हू दिन में, रातों में गाता हूं |
अपने दिल के शब्दों से, दिलों से रिश्ता बनाता हूं |
महफिल में आकर मैं , सभी को मनाता हू |
खुशी हो नफरत, दोनों को गाता हू | महफिल #
लिखता हू दिन में, रातों में गाता हूं |
अपने दिल के शब्दों से, दिलों से रिश्ता बनाता हूं |
महफिल में आकर मैं , सभी को मनाता हू |
खुशी हो नफरत, दोनों को गाता हू | महफिल #