रूकसत सी हो रही हैं खुशी-2 छूटता- सा हर किनारा हैं| चंद लम्हे, है बचे इन हाथों में-2 थरथराता-सा रुह सारा हैं| एक उम्मीद की आस लिए बैठे हैं-2 ढूंढता हर जर्रा हूं अभी | खो गई हैं सांस सी सुकून की -2 पर एक आस छुपाएं बैठा हूं || ©mr.mysterious8085 #samay #piece #ghum #Life_experience #struggling