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دوستو، آداب۔ شکوہ ظلمت_شب سے تو کہیں بہتر تھا اپن

دوستو، آداب۔

شکوہ ظلمت_شب سے تو کہیں بہتر تھا
اپنے حصے کی کوئی شمع جلاتے جاتے..
احمد فراز"

 शिकवा-ए-ज़ुल्मते-शब से तो कहीं बेहतर था
अपने हिस्से की कोई शम्अ जलाते जाते..
अहमद फ़राज़..

रात के अंधेरे की शिकायत करने से अच्छा ये होता कि अपने हिस्से का एक दिया जलाते।

Collab करें।
دوستو، آداب۔

شکوہ ظلمت_شب سے تو کہیں بہتر تھا
اپنے حصے کی کوئی شمع جلاتے جاتے..
احمد فراز"

 शिकवा-ए-ज़ुल्मते-शब से तो कहीं बेहतर था
अपने हिस्से की कोई शम्अ जलाते जाते..
अहमद फ़राज़..

रात के अंधेरे की शिकायत करने से अच्छा ये होता कि अपने हिस्से का एक दिया जलाते।

Collab करें।