#अनकही_कुछ_बातें मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ मुंह से भले ना कहूँ मैं सिर्फ तुम्हे चाहता हूँ। जीवन के हर पल को मैं तेरे संग जीना चाहता हूँ हर सुबह हर शाम मेरी अब मैं तुझे सोंपता हूँ। जमाने के हर नज़र से तुझे छिपाना चाहता हूँ सीने में छुपा कर अपने मैं तुझे अपनाता हूँ। #कुछ_अनकही_बातें