इश्क़ वाली छत मेरे घर की छत से उसकी छत करीबी लगती थी अगर ना दिखे वो छत पे तो बदनसीबी लगती थी जिस दिन होठों की सलवटे खोल वो हंस देती थी उस दिन मुझे मेरे हाथो की खुशनसीबी लगती थी जिस दिन वो मेरा इंतजार कर के चली जाती थी उस दिन मुझ पर मेरे वक़्त की गरीबी लगती थी जिस दिन बहुत वक़्त उसके साथ गुजर जाता तो उस दिन की वो शाम मुझे बहुत शराबी लगती थी मेरे घर की छत से उसकी छत करीबी लगती थी अगर ना दिखे वो छत पे तो बदनसीबी लगती थी -Rakesh Daroga ishq vali chat #ishq #chat #garibi #sharabi #badnasibi #karibi #khushnasibi