एक नई सुबह का गवाह बना एक नया सूरज मन मैं उगा सुनकर पंछियों की चहचहाट मेरा दिल मुझे लें उड़ा एक नए खुले गगन का विचरण एक नई तस्वीर का विमोचन करिश्में नए कुछ प्रकृति के कुछ मीलों दूर,कुछ यहीं के उड़ते हुए सरहदें लांघ गया बेफिक्री में हदें लांघ गया कितने कुछ करने को हैं मन मेरा जल्द नहीं भरने को हैं हर पल एक कीमती सौगात है जो बीत गया वो सिर्फ याद हैं ये सुबह कुछ जादू कर गई वयस्क काया में बचपन भर गई मुकुल पाल #dawn #seher #सुबह #newday #optimism #शुरुआत