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तुम्हारे हाथ मे पतवार नाविक उतारो अब हमें तुम पा

तुम्हारे हाथ मे पतवार नाविक 
उतारो अब हमें  तुम पार नाविक।।
लहर कल्लोल कर खेले हवा से।
डूबा ऐसे न  अब मंझधार नाविक।।
चलो उस पार अब लेकर हमें तुम।
बहुत गहरी है जीवन धार नाविक।।
सुनहरे ख्वाब हम दोनों सजा कर ।
करें एक दूजे को स्वीकार नाविक।।
सुहाना जिंदगानी का सफर हो।
हमारा ख्वाब हो साकार नाविक।। #myshyri
तुम्हारे हाथ मे पतवार नाविक 
उतारो अब हमें  तुम पार नाविक।।
लहर कल्लोल कर खेले हवा से।
डूबा ऐसे न  अब मंझधार नाविक।।
चलो उस पार अब लेकर हमें तुम।
बहुत गहरी है जीवन धार नाविक।।
सुनहरे ख्वाब हम दोनों सजा कर ।
करें एक दूजे को स्वीकार नाविक।।
सुहाना जिंदगानी का सफर हो।
हमारा ख्वाब हो साकार नाविक।। #myshyri