// विषय :- छेड़खानी // •| नन्ही चिड़िया |• उस रात जब लौट रही थी नन्ही चिड़िया अपने घोंसले की ओर, अचानक कहीं से गिद्धों का एक झुंड बढ़ने लगा उसकी ओर। समझ ना आया उसे कहां जाए और क्या करे, किसको वो आवाज़ लगाए, अपनी रक्षा को कहे। गिद्धों ने जब देखा उसको, फिर चारों ओर से घेरा उसको, किसी ने छेड़ी उसकी चोंच, किसी ने मारा उसके पंख पर पंख। (पूर्ण पढ़े अनुशीर्षक में।) // विषय :- छेड़खानी // •| नन्ही चिड़िया |• उस रात जब लौट रही थी नन्ही चिड़िया अपने घोंसले की ओर, अचानक कहीं से गिद्धों का एक झुंड बढ़ने लगा उसकी ओर। समझ ना आया उसे कहां जाए और क्या करे, किसको वो आवाज़ लगाए, अपनी रक्षा को कहे।