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अपने वफ़ा की अस्मत, इतना तो बरकरार रखना; जब भी मिल

अपने वफ़ा की अस्मत,
इतना तो बरकरार रखना;
जब भी मिलना, झूठा ही सही;
पर ख़ुद को भी ज़रा बेकरार रखना।

-रूद्र प्रताप सिंह अस्मत*: इज्जत
अपने वफ़ा की अस्मत,
इतना तो बरकरार रखना;
जब भी मिलना, झूठा ही सही;
पर ख़ुद को भी ज़रा बेकरार रखना।

-रूद्र प्रताप सिंह अस्मत*: इज्जत