कहीं न कहीं तो मेरे एहसास दबे मिलेंगे तू देख तो सही अपने कमरे में,तुझे कुछ ख़त पड़े मिलेंगे यूँ तेरे नज़रे फेर लेने से,मर नहीं गई मोहब्बत मेरी कहीं उठी ग़र,तेरी बेवफ़ाई पर उंगलियां,तो हम तेरे आगे खड़े मिलेंगे ©NASAR Chandni Khatoon