इक तो ये बेदर्द बारिश दूजी तेरी याद और कितना सतायेगी ऐ ज़िन्दग़ी राone@उल्फ़त-ए-ज़िन्दग़ी ©मेरी दुनियाँ मेरी कवितायेँ ये बारिश की बूँदें