अंगूठा है एक लेकिन मतलब और संकेत अनेक। कभी दिल तोड़ने वाला कभी हर्षाने वाला नेक।। पसंद आए तो अंगूठा ना पसंद आए तो अंगूठा। दिल मिल जाए तो अंगूठा दिल टूटे तब भी अंगूठा।। साईन के बदले अंगूठा इंकार करना है तो अंगूूठा। मन को कभी दुखाए अंगूठा, हौसला कभी बढ़ाए अंगूठा।। ठेंगे का भी नाम अंगूठा, करता कितने काम अंगूठा। विजय चिन्ह है यह अंगूठा, तुझको मेरा सलाम अंगूठा।। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #अंगूठा