घूंघट में चाँद तारो में खुस्फुस खुस्फुस फिर जारी हो गई घूँघट से चाद के बाहर आने की बारी हो गई खौफ़ सा है तारो मे लोगों की नजरअंदाजी का फकत आज चाँद की सरदारी हो गई जो कभी तारो को ही अपनी दुनिया बनाए बैठे थे चाँद की झलक मात्र पाना ही उनकी खुमारी हो गई हम चकोर क्या बने उस चाँद के लिए हमे टकटकी लगाने की बीमारी हो गई कभी मजाक में लिया करते थे मुहब्बत को चाँद देखते ही रूह इश्क़ की पुजारी हो गई रूह इश्क़ की पुजारी Arzooo 😍😍 (Meer) Musher Ali