गणतंत्र का संग्राम कहीं संविधान से बनाया जाता हैं । भारत विस्तृत संविधान का लेखा सारे देशों से होकर आता हैं ।। गणतंत्र का इतिहास कहीं 1935 अधिनियम से होकर आता हैं इसको लिखने के लिए संविधान सभा बुलाई जाती हैं । । यह कहते है अंबेडकर जी प्रस्तावना है संविधान की आत्मा संविधान के बिना ; संविधानवाद नहीं चल पाता हैं । एक सूत्री धरा का नारा समिति द्वारा संचालित होता हैं ! सामाजिक आर्थिक कृत्यों का लेखा नीति निर्देशक में संकलित होता हैं । हो गई सभा में उथल पुथल हिंदू - मुस्लिम के सीने में ; यहीं से प्रारंभ हुआ पाक विभाजन की आधार शिला ! बांट दिया संविधान को वास्तविक और नाममात्र के तत्वों में बना दिया सोने की चिड़िया नाममात्र के अधिकारों को ।। राष्ट्रपति कोई साधारण व्यक्ति नहीं , राज्य का प्रथम व्यक्ति है ! इसी पद पर आश्रित पूरा मंत्रि परिषद हैं !! — % & ¶ गणतंत्र दिवस ¶