ऐसे हाल में क्यों न खुदकुशी करते मरे हुए क्या जिंदगी से दोस्ती करते ख़ुद में ही जो रहता नहीं,हम क्या हुक्मरानों के ख़िलाफ़ सर-कशी करते गलती थी तुमको ख़ुदा कहा था,फ़िर बुरे हाल में किस ख़ुदा की बंदगी करते वो चाँद आया ही नहीं फ़लक पे,मर गया तारीक कमरे में जिस्म फ़रोशी करते ना घर में ख़ुदा,न किसी घर के हम हम बंजारे किस घर की चौकसी करते वो जो फिर मिले तो कह देना 'राज़' तबियत अच्छी होती,तो बातें अच्छी करते *सर-कशी-बगावत #400th#yqbaba#yqdidi