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सीने में दबा रखे थे , मैंने जज्बात जितने भी मां क

सीने में दबा रखे थे , मैंने जज्बात
 जितने भी मां के खातिर,
आज निकाल कर उन जज्बातो को ,
हर जज्बात पर रोया
 हर पल तुझे सोचा , हर बात पर तुझे याद किया
जिस बात पर तूं याद आई , 
मां , मैं उस हर बात पर रोया

जहां मिल गये आंसू मेरे , इक नदी के नीर से
मां , मैं बैठकर उस नदी के कगार पर  रोया
आंखें बंद करके , कुछ नया सोचने की कोशिश भी की मैंने
पर हर बार बस तू ही याद आई मां, 
 और तुझे याद कर हर बार मैं रोया सीने में दबा रखे थे , मैंने #जज्बात
 जितने भी #मां के खातिर,
आज निकाल कर उन #जज्बातो को ,
हर जज्बात पर रोया
 हर पल तुझे सोचा हर ,#बात पर तुझे याद किया
जिस बात पर तूं याद आई , 
मां , मैं हर उस #बात पर रोया
जहां मिल गये आंसू मेरे , इक ₹नदी के नीर से
सीने में दबा रखे थे , मैंने जज्बात
 जितने भी मां के खातिर,
आज निकाल कर उन जज्बातो को ,
हर जज्बात पर रोया
 हर पल तुझे सोचा , हर बात पर तुझे याद किया
जिस बात पर तूं याद आई , 
मां , मैं उस हर बात पर रोया

जहां मिल गये आंसू मेरे , इक नदी के नीर से
मां , मैं बैठकर उस नदी के कगार पर  रोया
आंखें बंद करके , कुछ नया सोचने की कोशिश भी की मैंने
पर हर बार बस तू ही याद आई मां, 
 और तुझे याद कर हर बार मैं रोया सीने में दबा रखे थे , मैंने #जज्बात
 जितने भी #मां के खातिर,
आज निकाल कर उन #जज्बातो को ,
हर जज्बात पर रोया
 हर पल तुझे सोचा हर ,#बात पर तुझे याद किया
जिस बात पर तूं याद आई , 
मां , मैं हर उस #बात पर रोया
जहां मिल गये आंसू मेरे , इक ₹नदी के नीर से