“गुफ़्तगूं करके लौट आता हूँ तेरे घर की राहों से सुना है, तुम्हें फुरसत नहीं मिलती किसी और की बाहों से @poetarjun4909 खयाल रखना,बोल देना, बोलकर चला आता हूँ अब तो तू बात भी करती है उस गैर की निगाहों से” ©Kavi अर्जुन*चाणक्य* #Endless