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मुझे बताना पड़ेगा क्या, कि कितना इंतज़ार है तुम्हा

मुझे बताना पड़ेगा क्या, कि कितना इंतज़ार है तुम्हारा,
कब आओगे ये भी पता है, फिर भी इंतज़ार कर रही हूं,
कितनी पागल हूं न मैं,
बुद्धू सी हूं और बुद्धू ही रहना चाहती हूं मैं,
इस समझदार दुनिया में रह रही हूं, 
जहां मेरा कोई काम नहीं 
रिश्ता तो है कुछ तुमसे,
फिर भी इस रिश्ते का कोई नाम नहीं,
किसी से कुछ कह भी नहीं सकती, 
ख़ुद से बातें कर रही हूं, 
ख़्वाब में तो नज़र आते ही हो, 
सुनते हो बात मेरी, 
कब आओगे सामने,
देख रही हूं राह तेरी...!!
K V ❤️🧿

©ख्वाहिश _writes
  #इबादत ibadat #ibadat