सुनो, ये बात है कुछ वर्ष पुरानी, बेहद दर्द भरी है आज़ादी के दीवानों की कहानी, लड़ते रहे वो आखिरी दम तक, लेकिन कभी उन्होंने हार न मानी| परवाह नहीं थी रोटी की और न ही घूंट भर पानी की, चीर कर अपने हौसलों से है मुश्किल का सीना बस बढ़ते गए आज़ादी की मंजिल की ओर, न हिसाब है, न कीमत है उनके कुर्बानियों की बस संभल सकें हम आज़ादी को सही सलामत यही कीमत हो सकती है उनके मेहरबानियों की| इंसानों के बंधन से बेशक हम आज़ाद हुए, लेकिन अभी ये अधूरी आज़ादी है, ग़र आज़ाद कर लिए खुद को हमने , अपने स्वं के अंदर के कुसंस्कारों से सही मायने में वही पूर्ण आज़ादी है| आज १५ अगस्त के इस पवन अवसर पर आओ मिलकर जश्न मनाएं, लेकिन ध्यान रहे महत्व है जो आज़ादी का उसको कभी हम भूल न जाएँ……! #happyindependenceday ©Rishabh #Createdbyme #rishabhpoetry #heart_voice #poetry#shayariquotes #happyindependenceday #India2021