पकड़ कर लाठी चलता आया राम नाम था मुख में समाया सत्य अहिंसा परमो धर्म था आजादी का मार्ग भी बताया ऐसे परम पूज्य बापूजी पर कायर ने जब कहर है ढाया हाथ ना कांपे निर्लज्ज के कैसा मां ने था दूध पिलाया इतना ही था दम्भ जहन में अंग्रेजो से क्यो नही टकराया जान ले ली एक निहत्थे की और हत्यारा नाम माथे मंडवाया रहे अमर सदा प्यारे राष्ट्रपिता शहीद दिवस का दिन है आया है सादर नमन हर बार तुझे हे राम!शब्द का उदघोष कराया हे साबरमती के गरीब संत तूने भारतवर्ष को आजाद कराया ©'मुराड़या जी' #GandhiJayanti2020