```"चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे; अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे; हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के; हम रब से सिर्फ दोस्तों की वफ़ा मांगेंगे!" *""सत्यम् चौरसिया""*