Nojoto: Largest Storytelling Platform

जिन गलीयों में मिलते थे छुप के आज पुछ रही खुद से व

जिन गलीयों में मिलते थे छुप के
आज पुछ रही खुद से
वो शिव मंदिर को जानते को
आते थे दो पक्षी मिलने,
नही झगड़ने,नही रोने, शायद तड़पने
न जाने कहा चल बसे
अकेले या दुकेले
लेकिन ये शोर होता है आज भी
जाना फिर भाग के आ जाना
आलू बैंगन टमाटर चिल्लाना
कुछ ही कदम चल के थक जाना
फिर जाके कचौड़ी खाना
वो गंगा वाली लेमन टी
छीन कर एक दूसरे ने पी
बस बस अब और नही
ये गालियाँ सब जानती है
तुम नही हो तो क्या हुआ
अब मुझे ये रास्ते पहचानते है
ठंडी चाय,सुखी रेत,जली कचौरी
अब रह गयी अकेले ये बात
नीला आसमां बहती गंगा भी जानते है
अब बस मुझे ये रास्ते पहचानते है। आवारगी इतनी भी बुरी चीज़ नहीं बशर्ते मन से की जाये।
#रास्तेपहचानतेहैं #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
जिन गलीयों में मिलते थे छुप के
आज पुछ रही खुद से
वो शिव मंदिर को जानते को
आते थे दो पक्षी मिलने,
नही झगड़ने,नही रोने, शायद तड़पने
न जाने कहा चल बसे
अकेले या दुकेले
लेकिन ये शोर होता है आज भी
जाना फिर भाग के आ जाना
आलू बैंगन टमाटर चिल्लाना
कुछ ही कदम चल के थक जाना
फिर जाके कचौड़ी खाना
वो गंगा वाली लेमन टी
छीन कर एक दूसरे ने पी
बस बस अब और नही
ये गालियाँ सब जानती है
तुम नही हो तो क्या हुआ
अब मुझे ये रास्ते पहचानते है
ठंडी चाय,सुखी रेत,जली कचौरी
अब रह गयी अकेले ये बात
नीला आसमां बहती गंगा भी जानते है
अब बस मुझे ये रास्ते पहचानते है। आवारगी इतनी भी बुरी चीज़ नहीं बशर्ते मन से की जाये।
#रास्तेपहचानतेहैं #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
namratas9178

Nammy S

New Creator