नाज़नीन के नज़र के नज़ारे मशहूर है जिनके तिलिस्मी इशारे हुए तिरछी नज़र बंद आधी अगर झूँकी पलको के अलग हीं असरारे हुए खुली रह गई अगर, लड़ नज़र से नज़र दिल, दिल न रहा अब गुब्बारे हुए फेर ले जो अगर, बात समझो गयी बिगड़ झूँकी पलकें अगर तो समझ वो तुम्हारे हुए नाज़नीन के नज़र....... तिलिस्मी इशारे हुए 🌼 🌹💖🌼🌹 #श्रृंगार_खिचड़ी