मैं तफ़सील करके बताऊं अपनी मुहब्बत की दास्ताँ,ये उनकी तिलस्मी नज़र का सबब था। मुझसे सम्भला ही नही ये बेजार दिल मेरा,मेरे दिल पे बस उसकी नज़र का सबब था। गफलतों में पड़ा रहा किसी से गुफ्तगू तक न की,सजदे से पहले उसका नाम लिया हमने, हम चाहते तो हम भी किसी की बाहों में होते, हमे तो बस उसकी चाहत का अदब था।। #akhil_arya #yqdidi #yqbaba #yqquotes #instawriters #india #yqaestheticthoughts #yqhindi