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मनचले हैं, कहीं ये दिल ठहरता नहीं, शरीर बस टिका हु

मनचले हैं,
कहीं ये दिल ठहरता नहीं,
शरीर बस टिका हुआ हैं,
मन है कि कहीं ठहरा नहीं,
बदलाव,
एक वक्त पर होता रहे,
बोरियत में काटनी नहीं।

अच्छा लगता हैं, 
पर वो चाहिए नहीं,
सुकून मिलता हैं,
पर वो मोहब्बत नहीं,
ठहराव,
कुछ पलों का ही रहे,
उम्र इस में गुजारनी नहीं।

©Ruchi Jha
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Ruchi Jha

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