अपने चेहरे को आंखों की तलब कहते हो, हर घड़ी याद करने की बात किया करते हो, फिर क्यों पहर बीत जाने के बाद भी कोई भी पैगाम ना देकर हमें यूँ तड़पाते हो #YQdidi #चेहरे #आंख #तलब #घड़ी #याद #पहर #पैगाम #तड़प