शब्दों का इंतजार कब और कहाँ रहा हमें, हमने तो बस ये उम्मीद लगाई, की तुम अपने हिस्से का एक कतरा, हमारे नाम करोगे, ©Anchal Singh एक नजर हकीकत को भी महसूस कर लो ना🖤 . . . . . . .