Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम! स्पंदन हो अनुरंजन हो मृदु मधुस्मित तुम आलिंगन

तुम!
स्पंदन हो
अनुरंजन हो
मृदु मधुस्मित
तुम आलिंगन हो...
कम्पित हृदय की चेतना का
किंचित आलम्बन हो?
म्लान हो! क्लांत हो!
भ्रांतिमानित भ्रांत हो!
हो कहाँ तुम?
कौन हो तुम?
प्रश्न संकुल!
मौन हो तुम?
शून्य का विस्तार मन ये
निर्वात मन के शून्य हो तुम

 #toyou#yqscattered#yqlostandfound#yqme#yqlife#yqidentity
तुम!
स्पंदन हो
अनुरंजन हो
मृदु मधुस्मित
तुम आलिंगन हो...
कम्पित हृदय की चेतना का
किंचित आलम्बन हो?
म्लान हो! क्लांत हो!
भ्रांतिमानित भ्रांत हो!
हो कहाँ तुम?
कौन हो तुम?
प्रश्न संकुल!
मौन हो तुम?
शून्य का विस्तार मन ये
निर्वात मन के शून्य हो तुम

 #toyou#yqscattered#yqlostandfound#yqme#yqlife#yqidentity