एक नहीं पापा की, परियां हम पूरी पांच थी।🤣 फिर भी रही उनकी, हमेशा ऊंची नाक थी । घुमाया फिराया हर शिक्षा भी दी, मंहगाई आज भी है तब भी थी। परोपकारी थे वो समाज सेवी भी, नहीं कभी शिकन कोई उनके माथे पर थी। स्वरचित स्नेह शर्मा ©Sneh Sharma हम पांच #leaf