जो व्यक्ति अपनी आलोचना को स्वीकार कर अपेक्स दिशा में सुधार के लिए अनुभव होता है उसकी सफलता पाना कोई कठिन कार्य नहीं रह जाता इसलिए कहते हैं कि अपने निंदा करने वाले लोगों को सदैव अपने आसपास रखना चाहिए क्योंकि यही वह लोग होते हैं जो बिना पानी और साबुन के हमारे स्वभाव को निर्मल बनाते हैं यह देखने को मिलता है कि हम छोटी मोटी उपलब्धियों के मद में अनकट डॉक्टर कई बार बड़े लक्ष्य से दूर रह जाते हैं तब जो लोग हमें आईना दिखा कर सही पथ पर लाने में मदद के लिए आगे आते हैं उन्हें अनसुना कर देते हैं इसी प्रकार हमारा वास्तविकता हमसे दूर हो जाता है निंदक भी दो प्रकार के होते हैं एक वे जो हमारे वास्तविक हते सी होते हैं उसकी निंदा हमारे लिए उपयोगी होती है वहीं दूसरे किशन के निंदक होते हैं जो हर बात का विश्लेषण कर हमारे भीतर कमियां निकाल कर हमारे मनोबल को तोड़ने में लगे रहते हैं ऐसे लोग नकारात्मक प्राकृतिक वाले होते हैं जो अपने पिता पिता और कुंती के भाव से भर कर दूसरों के हित और आशीर्वाद रहते हैं ऐसे में उन्हें सतर्क रहना आवश्यक है यदि इसका यह अर्थ कदापि नहीं है कि हमें निंदा पर ध्यान ही नहीं देना चाहिए यदि निंदा को अनदेखा किया तो हमारे व्यक्तित्व का विकास रुक जाएगा निंदा पर दुविधा से बचने के लिए हमें एक मध्यम मार्ग अपनाना चाहिए नकारात्मक निंदा करने वालों से दूर ही बनानी चाहिए क्योंकि उनसे हमारी आत्मविश्वास दिखने लगती है ©Ek villain #निंदा की आलोचना मनुष्य द्वारा #Hope