ताज्जुब है मैने तो कुछ जाहिर ही नहीँ किया , फिर उसके अरमान क्यों पँख लगा उड़े थे , लगता है कभी कुछ अहसास उसने, मेरी आँखों में पढ़े थे ........ . Arman