ना घबराओ तू कभी कठिन राहों से, तुझको तो अकेले ही चलना है। हो चाहे जैसा कोई भी पल, तुझको तो हर एक नेह रंग में ढलना है।। करता जा तू मेहनत हर दम, तुझको तो अपना ही पदचिन्ह बनाना है। अपनो के सपनो को साकार कर, तुझको अपनो का कर्ज़ चुकाना है।। मत बैठ तू ऐसे बुजदिल बनकर, तुझको तो अपना इतिहास बनाना है। क्या खोया क्या पाया, छोड़ इसे, अब तुझको कुछ करके दिखाना है।। मरुस्थल जैसे इस मरुभूमि पर भी तुझको, हरा भरा फ़सल उगाना है। कोई साथ दे या ना दे तेरा, साहिब तुझको तो अकेले चलते जाना है।। #चल_अकेला_चल_काव्य_संगीत 🎑काव्य संगीत प्रतियोगिता 26 में आपका स्वागत है। आप 4 - 10 पंक्ति में अपनी सराहनीय श्रेष्ठ रचना लिखें।📃 #काव्य_संगीत #yqdidi #yqbaba 👉मौलिक रचना लिखें, समय सीमा आज 11:00 AM से आज रात 12:30 AM तक है 👉 कृपया अपनी रचना का Font ऐसा रखिए, जिससे wallpaper सुंदर रहे, और रचना भी अच्छी दिखे। colb करने के तुरंत बाद ही प्रतियोगिता के comment box मे Done के साथ अपनी रचना भी ज़रूर comment करें,,