नजरें तुझसे चुराउ कैसे दिल मै जो है वो बताउ कैसे इश्क़ कितना है तुझसे ये तुझे समझाउ कैसे इश्क़ मेरा जताउ कैसे तू ही बता बिना तेरे रह पाऊ कैसे मै बताना भी चाहू तू सुनती नहीं मै दिखाना भी चाहू तू देखती नहीं नजरो की बाते भी तू समझती नहीं मै जीना तेरे साथ चाहू तू समझती नहीं